Excellent Board Result of Class XII & X * 100% Result in Science, Commerce and Humanities

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Posted on : 05-Apr-2023

Posted By : Admin User

वो भी क्या दिन थे,



वो भी क्या दिन थे,



जो हस दिया करते थे



थोडा सा गुदगुदाने पर



और रो भी दिया करते थे



पापा की डाट पर



मां की‌ गोद



और पैरो की चोट



एक कनैकशन था



जो थोडा सा लग जाने पर



मां की गोद मे लिपट जाना था



 



एक अलग सा प्यार था



जब पापा रात को देर से आते



बस सोने से पहले



मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेर जाते



बस फिर क्या



रात को परियो की रानी का



सपना देख सुकून से सो जाते



वो भी क्या दिन थे



ना कोई फिकर



स्कूल के होमवर्क का



ना कोई ज़िकर



रोज़मर्रा के दुखो का



बस जल्दी से बडी हो जाऊ



मन मे यही थी इच्छा



अब जब बडी हो गई



तो मन‌ करता है



एक बार फिर जी लू उस बचपन को



जो उन तस्वीरो मे कैद हो गया



उस मासूम से दिल को



जो खिलौनो मे बस गया



By- Twinkle (XI H)