Posted on : 05-Apr-2023
Posted By : Admin User
वो दिन याद है
जब हम तो रानी की तरह
पापा की शहजादी की तरह
गले में पानी की बोतल टंगाए
चोटियो में सुंदर सुंदर रबड़ लगाए
मम्मी के साथ स्कूल जाते
कभी हंसते हुए तो
कभी रोते हुए
लेकिन अब थोड़े बड़े हो गए
जब अ से अनार
व आ से आम
इन सब से आगे बढ़कर
अ से अलंकार पढ़ने लग गए
जब दोस्तों का टिफिन छुपाकर
छुपके से खाने लग गए
जब कॉपी के हर आखरी पन्ने पर
कोई न कोई कलाकारी
कोई न कोई चित्रकारी
मिल ही जाती
जब पी.टी.आई. से बचकर
नाखूनों को बचाते
अरे याद है वो दिन
जब दसवीं के बाद अपने दोस्तों को दूसरी क्लास में पाते
लेकिन फिर भी
लंच में उनसे मिलने चले ही जाते
कितना भी कोस ले स्कूल को
आखरी दिन तो आंसू टपक ही जाते
By- Twinkle (XI H)